सोमवती !!
नायाब चीज अनदेखी नहीं कर सकती।
न ही करनी चाहिए।
कुदरती गुलाबी रंग सी ख़ुशी बेदाम ...
मदिरामय होंठों की बेशकीमती चुंबन ...
तुम में खूबसूरती बेभाव, भाव छल से परे,
पर दास्तान सरीखे ...
पूस में अलाव, कहवा या कहरवा ...
समझाओ ना, मुझे,
कौन हो तुम सोमवती??
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