कुछ अधूरे किस्से ...
{1}
वह सीढ़ियों पर ठहरे पैरों के छाप तुम्हारे,
तह कर सबसे ऊँचे वाले खाने में रख दिए है ...
कि
मुफ़लिसी में काम आ सके ...
{2]
बात कुछ खुश्बूदार पत्तों की भी है,
केवल फूलों से ही वसंत नहीं ...
{3}
तुम्हें याद करने का एक नायाब तरीका खोज निकाला है ,
मेरी हर तस्वीर में तुम्हारी खुश्बू होती है।
- निवेदिता दिनकर