गुजरता हुआ देखूं जब तुझको,
आहें ही भर पाऊँ ...
मुडके देख ले एक नज़र,
मैं ऐसे ही तर जाऊँ ...
मगर जाने क्यों लागे यह डर,
टीस न रह जाये किसी पल ...
तु मुझे थाम ले वहीं !
कि देखता रह जाये हर बटोही !!
- निवेदिता दिनकर
२६/०७/२०१६
फ़ोटो : 'इवनिंग वॉक' मेरी नज़र