तुम्हारे जन्मदिन के अवसर पर कुछ 'मूक' शब्द …
तुम्हारे आने से,
जाने हर पल कैसे …
बूँदों में बरसते हुए,
चंचल चितवन से,
जिंदगी की बहारों में,
किरणों सी आलिंगन पाकर,
कुछ ऐसी बिखरी …
मानों, हज़ार चाँद लग गए हो,
और निशि गंधा रूमानी सी निखरी …
- निवेदिता दिनकर
२१/०१/२०१४