बुधवार, 27 जनवरी 2016

नन्हीं आँखों में ...




आज शाम 
दौड़ते हुए कुछ बच्चे 
हाथों में गुब्बारे 
रंगीन कागज़ 
और 
तिरंगा 

चेहरों की 
मासूम ख़ुशी 
देखने लायक ... 
नन्हीं आँखों 
में जबरदस्त आशाओं की लहरें  ... 

यह बच्चे है 
अनामिका 
रवि 
वंदना 
मनोज 
चित्रा 

किसी के पापा फूल बेचते है 
तो किसी के पापा मिस्त्री या ड्राइवर 
 
दूर तक 
सजा गए 
मन  
माहौल 
और 
दीवारें ... 

- निवेदिता दिनकर 
  २६/०१/२०१६  

फोटो : शान से सजाता 'तिरंगा' एक बच्चा 

शनिवार, 23 जनवरी 2016

मोहब्बत



"मोहब्बत करते है!!" 
नहीं मालूम ...
"मैंने मोहब्बत किया" ... 
नहीं मालूम ...

सिवाय
तुम्हारा हसीन साथ
या सारंग का गात
जैसे पुष्कर सा सुकून
या गरल धारण शम्भू
जैसे मनमौजी बाताश 
या सरि सा एहसास

जैसे अकूत दौलत
या मन महोत्सव
जैसे लहरों पर अठखेलियाँ
या महकती मंडलियां
जैसे ग़ज़ल सी चंचल ख्वाइश
या छौना सी आजमाइश
जैसे अलंकृत दिनकर
या कनक सा कलेवर

और
साझे
अनगिनत लम्हें ...

- निवेदिता दिनकर 
  21/01/2016
तस्वीर : उर्वशी की आँखों से, "मोहब्बत", लोकेशन धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश   

शुक्रवार, 15 जनवरी 2016

और जब ...



अजीब सनक है 
या 
सनकी कहो 

न भेड़चाल पसंद 
और 
न भीड़ वाले काम ...

फितरत ही नहीं है ...
कही जाती हूँ 
हठी 
बेअदब 
बेशर्म 

जब रुकना चाहती हूँ 
कहा जाता है 'चलो'

और जब चलना चाहती हूँ 
कहा जाता है 'रुको '

जब बात करने का मन होता है 
तो 'कितना बोलती है'! 

और 
जब खामोश 
तो 
ज़लज़ला ... 

- निवेदिता दिनकर 
   १५/०१/२०१६ 

तस्वीर : उर्वशी की आँखों से 'स्फुटित' 

मंगलवार, 12 जनवरी 2016

मेरी नायिका - 5



मुँह अँधेरे निकल आना 
चाहे  हो कोई भी महीना 
जल्दी जल्दी पेट में 
कुछ डाल

हाथों में सीकों की झाड़ू 
पैरों में रबर की चप्पल 
बस, चल पड़ना ... 

आज बोली,
मेडीकल कॉलेज जाना है 
बच्चे का x ray होना है 
कुछ पैसे दे दीजिये 

पूछने पर बताया 
एक मरखन्नी गाय ने उसके दो साल के बच्चे के सीने पर पाँव रख दिया 
गंभीर चोटें आयी है। 
कहते हुए रोने लगी ...

मेरी आज की दिलेर नायिका 
नाम मिथिेलेश 
उम्र करीबन तीस बत्तीस साल 
काम सड़कों पर झाड़ू लगाना, कूड़ा बीनना ...

और हम 'अभियान अभियान' खेल रहे है!! 

- निवेदिता दिनकर
  12/01/2016