बुधवार, 25 मई 2016

छद्म




यह तुम हो या कोई बूँदों सा रूप धरा है 
मेरे लिए तो तुम्हारा  हर छद्म उन्मादपूर्ण है ...

- निवेदिता दिनकर   
  २५/०५/२०१६ 

फोटो क्रेडिट्स : मेरे आँखों से,  ट्रैन से गुजरते हुए भीगी भागी बूँदों के साथ कुछ सुखद पल   

गुरुवार, 5 मई 2016

खुशबू

यूँ महकी संदली खुश्बू तो फ़िज़ा में पहले कभी न थी,
लगता है 
यादों का दराज़ आज खुला रह गया होगा … 

- निवेदिता दिनकर 
  05/05/2016
फोटो क्रेडिट्स : Urvashi Dinkar