चाँद पर जाएंगे ...
खूबसूरत चेहरे मुझे बेइंतेहा पसंद हैं | 
चमचमाती गाड़ियां, ओह हो हो हो ... 
तिस पर विदेशी ... 
तो फिर तो माशा ... आ आ ... 
अल्लाह !!
वल्लाह !!!
बस ... अपनी आँखें सेंकती रहूँ ...
सेंकती रहूँ ... 
'' बैठ मेरे पास, तुझे देखती रहूँ... देखती रहूं ''
वाला गीत हिल हिल हिलोरे मारने लगता है ... 
पैलेस ऑन व्हील्स ... 
डेक्कन ओडीसी लक्ज़री ट्रेन ... 
से कम पर बैठने का कोई इरादा नहीं ... 
हवाई यात्रा में 
नो कैटल क्लास ...
ओनली बिज़नेस क्लास ...
अब तो विदेश यात्राएँ करने का भी कोई ख़ास मन नहीं है ... 
या 
तो चाँद पर जाएंगे ... 
क्योंकि मार्स पर तो कब पानी न मिले तो !!!! 
पर जब से ऐसी आर्टिकल्स पढ़ ली , 
‘अब मंगल पर बसेंगी मानव बस्तियाँ’, 
‘पानी है तो मंगल पर जीवन भी अवश्य होगा-बस खोजना भर बाकी है’,
 इत्यादि, इत्यादि।
तब से मन डुबुक डुबुक कर रहा है  ... 
क्योंकि अध्यात्म की पहली सीढ़ी यहीं से शुरू होती है ... 
Photo : The Laxmi Niwas Palace, Bikaner, June 26, 2018, 
Tuesday, 7:54 P:M
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