उस दिन ...
उस दिन
जैसे ही अपने
हॉस्टल के रूम में घुसी
मुझे मेरे
रूम मेट ने
इशारे से
रूम की खिड़की
के बाहर
देखने को कहा
मैंने ज्यों ही
बाहर की ओर
झाँका
एक व्यक्ति
हाथ हिला हिला कर
भद्दे इशारे
कर रहा था ...
जैसे ही
मैं
ज़ोर से चीखी
"अबे, दो कौड़ी के"
"तु वहीं रूक"
सुनकर
सरपट भागा
ऐसे, जैसे
भूत देखा हो ...
मेरी वह प्यारी रूम मेट
मिजोरम
से,
मेरे गले लग गयी
बोली,
थैंक्स मेरा साथ देने के लिए
मैं कितनी देर उस से चिपकी रही, नहीं मालूम ...
- निवेदिता दिनकर
१९/०१/२०१७
नोट : उपरोक्त घटना मेरे साथ घटी थी।
मिजोरम में साक्षरता का दर भारत में सबसे ज्यादा ९१.०३% है और केवल नैन नक्श के आधार पर, कुछ अति इंटेलीजेंट लोग उन्हें भारतीय ही नहीं मानते ।
यह तस्वीर मेरे द्वारा खींची गयी है , "पूजा की थाली"
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज रविवार (22-01-2017) को "क्या हम सब कुछ बांटेंगे" (चर्चा अंक-2583) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'