एक अजीब सा रूहानी रूमानी एहसास।
दबी दबी ढकी ढकी।
सड़को पर चलते आहटों की आवाज़।
दूर जलती मद्धिम रौशनी।
बारिश की बूंदो से
उजली चमकती पत्तियाँ …
और
स्पर्श करते उष्ण हाथ।
- निवेदिता दिनकर
१४/०१/२०१५
तस्वीरों को आज शाम क़ैद करते वक़्त मन को स्पर्श करते कुछ यूँ ख्याल …
लोकेशन - मेरे घर के सामने
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