Sunehra Ehsaas
सुनहरा एहसास .....पल पल की ....धडकनों से गुजरती हुई स्याही तक का सफ़र ....
मंगलवार, 12 नवंबर 2013
दिनकर
आह्लाद से यु जुड़ी , मान के यहीं डगर ,
डोर जब बांधी तुझसे , बेफिक्र सी
होकर ।
चाहे कड़क ठण्ड पड़े या ओले ,बरसात ,
ऊष्मा में लिपटी रहूँ , ताउम्र ऐ दिनकर ॥
- निवेदिता दिनकर
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