शनिवार, 25 जुलाई 2015

भ्रम



सब कहते है,
आज कल प्रेम जैसा कुछ नहीं
सब भ्रम... 

मग़र ख़ामोशी से 
तुम मुझे भ्रम में रखो !
मैं तुम्हें प्रेम में रखूँगी !!

- निवेदिता दिनकर 
  25/07/2015
फोटो क्रेडिट्स दिनकर सक्सेना , लोकेशन भीमताल झील के किनारे 

3 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (26-06-2015) को "व्यापम और डीमेट घोटाले का डरावना सच" {चर्चा अंक-2048} पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    अन्तर्राष्ट्रीय योगदिवस की के साथ-साथ पितृदिवस की भी हार्दिक शुभकामनाएँ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर प्रस्तुति

    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
    http://iwillrocknow.blogspot.in/
    https://www.facebook.com/poetnitish

    जवाब देंहटाएं