बुधवार, 21 दिसंबर 2022

सोमवती !!

 




सोमवती !!

नायाब चीज अनदेखी नहीं कर सकती।
न ही करनी चाहिए।
साइट्स पर यूँ तुम जाने कब !!
कविता बन जाती हो !!!
कुदरती गुलाबी रंग सी ख़ुशी बेदाम ...
मदिरामय होंठों की बेशकीमती चुंबन ...
तुम में खूबसूरती बेभाव, भाव छल से परे,
पर दास्तान सरीखे ...
पूस में अलाव, कहवा या कहरवा ...
समझाओ ना, मुझे,
कौन हो तुम सोमवती??
- निवेदिता दिनकर
20/12/2022

बुधवार, 7 दिसंबर 2022

चाँद पर जाएंगे ...

 



चाँद पर जाएंगे ...

खूबसूरत चेहरे मुझे बेइंतेहा पसंद हैं |
आलिशान घर, बगीचे, रोशनी से नहाया घर ...
चमचमाती गाड़ियां, ओह हो हो हो ...
तिस पर विदेशी ...
तो फिर तो माशा ... आ आ ...
अल्लाह !!
वल्लाह !!!
बस ... अपनी आँखें सेंकती रहूँ ...
सेंकती रहूँ ...
'' बैठ मेरे पास, तुझे देखती रहूँ... देखती रहूं ''
वाला गीत हिल हिल हिलोरे मारने लगता है ...
पैलेस ऑन व्हील्स ...
डेक्कन ओडीसी लक्ज़री ट्रेन ...
से कम पर बैठने का कोई इरादा नहीं ...
हवाई यात्रा में
नो कैटल क्लास ...
ओनली बिज़नेस क्लास ...
अब तो विदेश यात्राएँ करने का भी कोई ख़ास मन नहीं है ...
या
तो चाँद पर जाएंगे ...
क्योंकि मार्स पर तो कब पानी न मिले तो !!!!
पर जब से ऐसी आर्टिकल्स पढ़ ली ,
‘अब मंगल पर बसेंगी मानव बस्तियाँ’,
‘पानी है तो मंगल पर जीवन भी अवश्य होगा-बस खोजना भर बाकी है’,
इत्यादि, इत्यादि।
तब से मन डुबुक डुबुक कर रहा है ...
क्योंकि अध्यात्म की पहली सीढ़ी यहीं से शुरू होती है ...
- निवेदिता दिनकर
०३/१२/२०२२
Photo : The Laxmi Niwas Palace, Bikaner, June 26, 2018,
Tuesday, 7:54 P:M

शनिवार, 3 दिसंबर 2022

चाँद, तुम थकना नहीं ...





 चाँद, तुम थकना नहीं ...

खंडन करते है पर
अंतर्विरोध अविराम चलता है ...
फी फी कर हँसती हूँ, जब तब ...
देखो, क्या है कि हम फ़ितूरी लोग हैं
यह नाटक वाटक घोट कर पी चुके हैं, काफ़ी पहले
इश फिश करके तुम कुछ देर बात कर भी लोगे तो क्या..!!
अभी कई बार आओगे जाओगे ...
जैसे आती जाती हूँ,
मैं ...
बनारस !!
क्योंकि ठहरने का रिवाज़ नहीं है ...
- निवेदिता दिनकर
०१/१२/२०२०