बुधवार, 24 दिसंबर 2014

धुंध


धुंध से फैलती नारंगी रौशनी
सचमुच 
कितनी तिलस्मी, 
कितनी अपरूप,  
कितनी कातिलाना, 
मानों 
तेरे प्यार की सुलगती खुशबू 
मेरे साँसों में आ जा रही है  … 
उफ्फ, 
आज की रात !
आज की ठंडी रात !!

- निवेदिता दिनकर
  २४/१२/२०१४  

तस्वीर उर्वशी दिनकर के सौजन्य से 'धुंध भरी रात' लोकेशन आगरा 

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