शहर में वसंत घुला हुआ है |
ऍफ़ एम् वाले गा कर
तो
अख़बार वाले शुभकामनायें पेश कर दुनिया को बता रहें है |
तो
अख़बार वाले शुभकामनायें पेश कर दुनिया को बता रहें है |
सोशल साइट भी आगे बढ़ चढ़ कर सरसों के खेत ,
आग यानि पलाश के कसीदें
और
माँ सरस्वती की वंदना से गुंजायमान को पेश करने की होड़ में
लाइक्स लव्स बटोर रहें हैं |
आग यानि पलाश के कसीदें
और
माँ सरस्वती की वंदना से गुंजायमान को पेश करने की होड़ में
लाइक्स लव्स बटोर रहें हैं |
गली की नुक्कड़ पर
तीन औरतें
शाम काम से लौटती,
तीन औरतें
शाम काम से लौटती,
कौन किस तरीके से आज पिटीं ... पर हँसते हुए पायीं गयीं |
शहर में वसंत घनघोर घुला हुआ है ...
- निवेदिता दिनकर
३०/०१/२०२०
३०/०१/२०२०
जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
02/02/2020 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
कौनसा बसन्त है जिसने औरतों की पूर्ण आज़ादी की बात करी।
जवाब देंहटाएंकौनसी बयार ने बेड़ियां को तोड़ने के लिए उग्र रूप लिया।
सत्य है कि ये सारी खुशियों की बारिश पुरुष प्रधान हैं। बहुत सच्ची बात और आईना पेश किया है थोड़े से शब्दों में।
नई पोस्ट पर आपका स्वागत है- लोकतंत्र