मंगलवार, 23 जनवरी 2018

तन्हा




शाम है 
सर्द शाम है 
एक तन्हा सर्द शाम है  

हौले हौले परदे के हिलने से महसूस हो रहा 
कोई है ...  

उठकर बाहिर देखा 

सर्द हवाएँ 
दस्तक दे रही है | 

शाम अब महफूज़ है  ... 

- निवेदिता दिनकर 
  23/01/2018

फोटो : एक तन्हा शाम , लोकेशन देहरादून 

3 टिप्‍पणियां:

  1. यादों की खुबसूरत नज्म दिल में घर कर गई

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरूवार (25-01-2018) को "कुछ सवाल बस सवाल होते हैं" (चर्चा अंक-2859) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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