आज की खूबसूरत और नज़ाकत भरी सुबह, स्वतंत्रता दिवस की पूर्व सुबह, मासूमियत में लिपटी रही।
हुआ यूँ कि एक संस्था ISHRAE की मेंबर होने की वजह से K 12 की चेयर हूँ जिसके अंतर्गत एक प्लेग्रुप में जाने का सुखद मौका मिला। सच में, एक अरसा बीत गया था ।
आह हा …
फूलो से भी नाज़ुक प्यारी प्यारी कलियाँ,
मीठी मीठी तोतली तोतली तुम्हारी यह बोलियाँ,
अरे जिगर के टुकड़ों,
कहीं तुम्हें मेरी नज़र न लग जाये,
हसरतें है चाँद पर साथ चलते जाये…
- निवेदिता दिनकर
14 /08 /2015
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (15-08-2015) को "राष्ट्रभक्ति - देशभक्ति का दिन है पन्द्रह अगस्त" (चर्चा अंक-2068) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
स्वतन्त्रतादिवस की पूर्वसंध्या पर
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
प्रभावी अभिव्यक्ति.
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