सुनहरा एहसास .....पल पल की ....धडकनों से गुजरती हुई स्याही तक का सफ़र ....
सोमवार, 3 नवंबर 2014
पारिजात
"पारिजात"
बचपन से 'शिउली' से संपर्क है, सुबह उठकर जब चुनती थी तो कुछ रिश्ते भी बुनती थी और अब प्रगाढ़ता की ओर ... कुछ रंग और खुश्बू बिखेरने की कोशिश किया है हमने भी, शुक्रिया शुक्तिका प्रकाशन !!
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