शनिवार, 9 अप्रैल 2022

कुछ अधूरे किस्से ...




 कुछ अधूरे किस्से ...

{1}

वह सीढ़ियों पर ठहरे पैरों के छाप तुम्हारे,
तह कर सबसे ऊँचे वाले खाने में रख दिए है ...
कि
मुफ़लिसी में काम आ सके ...
{2]

बात कुछ खुश्बूदार पत्तों की भी है,
केवल फूलों से ही वसंत नहीं ...
{3}

तुम्हें याद करने का एक नायाब तरीका खोज निकाला है ,
मेरी हर तस्वीर में तुम्हारी खुश्बू होती है।

- निवेदिता दिनकर

8 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना सोमवार 17 अक्टूबर 2022 को
    पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

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  2. यादों को सुंदर सांचे में ढालती रचना ।

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  3. हृदय के तल तक बसी स्मृतियाँ।
    बहुत सुंदर हृदय स्पर्शी रचना।

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  4. केवल फूलों से ही वसंत नहीं....
    वाह!!!
    बहुत सटीक सार्थक...
    लाजवाब सृजन।

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