सोमवार, 31 जनवरी 2022

कैरेक्टर सार्टिफिकेट!!



 कैरेक्टर सार्टिफिकेट!!

सबसे पहली बार तब मिला तमगा
जब मैं आठ नौ बरस की
मैं अपनी मूर्खता के लिए प्रसिद्ध थी
सो,
कह दिया ...
मुझे अच्छा लगता है ... जयंत !!
हाहाकार मच गया
क्लास में ,
देखो तो ,
कैसी है !!!
खुले आम बोलती है ...
फिर एक मैडम ने बुला भेजा ...
क्यों ? क्या समझती हो , अपने आप को ?
तुम्हें लेटर भेजा जिस लड़के ने ,
उस लड़के के नाम से कोई नहीं पढ़ता यहाँ ...
पता नहीं, किस किस की शिकायत लेकर आ जाती हो
भागो ...
सहेली चैताली का भाई मिलने आया हॉस्टल में ...
उस से ,
लौटकर गया
कहकर ,
दूर रहना उस से ,
मुझे कोई अच्छी लड़की नहीं लगती ...
हाॅस्टल मेट्रन ने तो कह ही दिया,
यह मानेगी नहीं।
आठ बजे के बाद ही महारानी को आना है।
क्या पढ़ाई हो रही है!!
फिजिक्स वाले जौहरी सर,
जब तब
तपाक से कह ही देते हैं ...
क्या है कि
चोट नहीं पहुँचती देह पर ...
अर रे,
सीधे पहुँचती है आत्मा पर ...
काट पूरा नहीं दिया जाता ...
अधकटा ही छोड़ दिया जाता है !!!
आशा शर्मा मैम , चेत राम सर, श्रीवास्तव सर , संध्या मैम, फिजिक्स वाले जौहरी सर, और भी कई ,
कि सुनिए
आप लोगों की वजह से
हम बार बार
करैक्टर लेस ,
बदतमीज़
गलत लड़कियाँ
बनतीं हैं
और
हमें
नाज़ है
गुरूर है
अपने पर
बेइन्तेहा ...
और
और अपनी बेअदबी के
समुन्दर पर ...
बा अदब!!!

- निवेदिता दिनकर
१५/०१/२०२२

10 टिप्‍पणियां:

  1. और
    हमें
    नाज़ है
    गुरूर है
    अपने पर
    बेइन्तेहा ...
    और
    और अपनी बेअदबी के
    समुन्दर पर ...
    बा अदब!!!

    –हर कन्या-स्त्री के मन की बात
    बहुत सुन्दर

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  2. अगर हमने पता हो कि हम सही है तो दुनिया समाज हमारे बारे में क्या नजरिया रखती है इससे फर्क नहीं पड़ता है!लोगों का तो काम ही है उंगलियां उठाना!
    बेहतरीन सृजन!

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  3. स्पष्ट !!
    जो कहना है कह दिया ।
    बहुत हो गया ।
    अब नहीं सुना जाता ।
    धौंस की हद है ।
    लड़की हूं नही हूं हैवान ।
    चोट मुझे भी लगती है, आखिर हूं एक इंसान ।।

    बहुत खूब । सराहनीय सृजन ।

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  4. सराहनीय संकलन।
    मेरे सृजन को स्थान देने हेतु बहुत बहुत शुक्रिया।
    सादर

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  5. आप सब साहित्यिक दोस्तों का तहे दिल से शुक्रिया व असीम शुभकामनाएं|
    मेरी रचना " करैक्टर सर्टिफ़िकेट " को पढ़ने व स्नेह देने के लिए आभारी हूँ |

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  6. वाह ..... यहाँ पुरुष ही नहीं महिलाएँ भी शामिल हैं चरित्र का प्रमाण पत्र देने में ।।
    खरी खरी ।

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