ए सुनो!!
एकांत खुशी दे जाती है, पर मिल कर बातें नहीं करती।
एक से दो भले वाली कहावत मुझे क ई बार डरा जाती हैै।
एक अंक वाले नाटक को एकांकी कहते हैं और मैं एक पात्र की पाती हूं।
एकतरफा प्यार मुझे क ई बार हुआ है।
एकादशी व्रत रखने से समस्त पापों का नाश होता है और मृत्यु के बाद मोक्ष की भी प्राप्ति होती है और मुझे अपने पापों को मात्र व्रत के विकल्प से नाश नहीं करना है।
एकतारा वाद्य यंत्र को बाजना कब तक बोला, पता नहीं, पर बचपन से उंगलियों से तार को छेड़ना अच्छा लगता है।
एक एक कर मैं सबको छोड़ रही थी और यह झटके से छोड़ देने से बेहतर है।
- निवेदिता दिनकर
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 5 जनवरी 2022 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
अथ स्वागतम् शुभ स्वागतम्
जी, शुक्रिया
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आपका विश्वमोहन जी ... जो आपको मेरी लिखी पंक्तियाँ अच्छी लगी|
हटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंएक अंक वाले नाटक को एकांकी कहते हैं और मैं एक पात्र की पाती हूं।
जवाब देंहटाएंएकतरफा प्यार मुझे क ई बार हुआ है।
मन का खुद ही से संवाद |हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं निवेदिता जी |