बुधवार, 22 दिसंबर 2021

दौर




पत्थर को पूजने वाले,

पत्थर से आग पैदा करते करते,

पत्थर के हो गए ...

यकीं मानिये,
दौर यूँ चला यह
कि
बिन आँच के ही
स ब
झुलसते चले गए ... ...

- निवेदिता दिनकर

तस्वीर : मेरे द्वारा खींची दौर ऐ शाम की , लोकेशन : आगरा 

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