सुन रहे हो, न
आज फिर तुम पास नहीं हो
और
कल करवा चौथ है।
यूँ तो ऐसी कोई बात नहीं ...
मुझे तुम याद तो भरपूर आओगे
परन्तु ,
आज सवेरे की हमारी चाय
उफ़,
जब
आधी चाय मैंने गुस्से में छोड़ दिया
और
तुम बस सोच में कि
अब कैसे ?
अच्छा, पिछली रात की साथ लॉन्ग ड्राइव,
और हाँ ,
तुम्हारे फ़ोन पर
मेरी नौ मिस्ड कॉल
पूछने पर,
कि यार, मोबाइल साइलेंट पर था।
जान बूझकर
मुझसे टकरा कर निकलना ...
मेरे गालों के पास तक आकर,
फिर
कानों में कुछ भी फुसफुसा देना ...
बाथरूम में
गीली तौलिया,
औंधा पड़ा तकिया,
अखबार का बेतरतीब पूरे बिस्तर पर पसरे होना,
मेरे
करवे में क्या कुछ नहीं है ......
बस,
अब बारी तुम्हारी,
चौथ क्या दोगे ?
- निवेदिता दिनकर
१८/१०/२०१६
दोस्तों के नाम सांझा ..कुछ कभी न भूलने वाली हमारी तस्वीरें <3
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 20-10-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2501 में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
बेहतरीन ढंग से सजी बहुत ही खूबसूरत
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