रविवार, 20 मार्च 2016

दोस्ती के कितने रंग




दोनों एक बार फिर जन्में  ...

अधूरे थे 
पूरे हो गए ...

शायद 
कोई पुराना हिसाब बकाया था !!

- निवेदिता दिनकर 
   20/03/16 

सन्दर्भ : १६/०३/१६ को एक दुर्घटना में सचमुच हम( मैं और बनी) बाल बाल बचे  
तस्वीर : शैतानी करती "बनी", फ़ोटो क्रेडिट्स : उर्वशी दिनकर  

2 टिप्‍पणियां:

  1. किसी दुर्घटना में बाल बचना नए जन्म से कम नहीं होता . पालतू प्राणी अपने घर के सदस्यों से किसी भी संदर्भ में अलग नहीं होते......कुछ न रिश्ता जरूर होता है इनसे इन अपने मूक प्राणियों से तभी तो हमें वे अजीज लगते हैं ...
    होली की शुभकामनाएं!

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  2. शुभ सन्देश...रंगोत्सव की शुभकामनयें...

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