"अब मेरी पवित्रता भी तुम तय करोगे!
क्योंकि यहीं परंपरा है!!"
तो ऐसा करों,
सहनशीलता की मूरत बन के दिखाओ ...
नौ महीने कोख़ में रखो ...
संतान जनो ...
बस!!!
बुला लाओ, सब धर्म गुरुओं को
शायद, कोई चमत्कार हो जाए ...
- निवेदिता दिनकर
१०/०२/२०१६
सन्दर्भ : स्त्रियों का शनि मंदिर, सबरीमाला मंदिर प्रवेश पर प्रतिबंध
तस्वीर : उर्वशी दिनकर, लोकेशन : रामोजी सिटी, हैदराबाद
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 11-02-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2249 पर दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
शायद ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और सार्थक लिखा है आपने!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और सार्थक लिखा है आपने!
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