Sunehra Ehsaas
सुनहरा एहसास .....पल पल की ....धडकनों से गुजरती हुई स्याही तक का सफ़र ....
मंगलवार, 5 जुलाई 2016
खेल
चलो न,
अबकी बार
मैं पुरुष
और
तुम औरत
मैं
हिमयुग के बर्फ़ की
चादर
और
तुम सिलवटों में लिपटी
सुरमई
जरुरत
इस खेल का भी सुख लेकर देखते है, न ...
- निवेदिता दिनकर
०५/०७/२०१६
फ़ोटो : एक दूजे में हम , लोकेशन: साइंस सिटी , कोलकाता
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