बस्ते से निकाल
अपनी कॉपी ...
लिखने लगी वह
ए बी सी डी ...
शीत से
पाँव हो रहे थे बिलकुल ठण्डे ठण्डे
मगर
बेख़ौफ़ अरमान चल पड़े थे हौले हौले
देख,
तुरंत
दो जोड़ी मोज़े दिए,
अरे, ओ हौसलों से भरपूर नन्हें से दीये ...
उसने पहना फूर्ती से एक जोड़ी
और
दूसरा बस्ते में रख दिया
आह !!
मेरी आज की खूबसूरत नायिका
नाम वन्दना
उम्र आठ बरस
पापा ट्रैक्टर चलाते है ...
माँ घर घर काम करती है ...
- निवेदिता दिनकर
३१ /१२/२०१५
तस्वीर : "एक नन्हीं दीया "
आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (01.01.2016) को " मंगलमय नववर्ष" (चर्चा -2208) पर लिंक की गयी है कृपया पधारे। वहाँ आपका स्वागत है, नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें, धन्यबाद।
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