कल के टाइम्स ऑफ़ इंडिया के फ्रंट पेज की एक खबर,
मेरठ के पास डिस्ट्रिक्ट बागपत। वहाँ की खाप पंचायत ने बतौर सज़ा दो बहनों को बलात्कार और निर्वस्त्र कर परेड कराने का आदेश दिया है क्योंकि उनका भाई एक विवाहिता के साथ भाग गया है।
आज की बेशर्म खबर,
दुनिया मगर बेखबर,
कर कलेजे के टुकड़े,
रोती शर्म दिन भर ...
कैसा है यह देश,
कहरों के कितने वेश,
यह कैसी सज़ा है,
खाप पंचायती आदेश ...
फिर से बलात्कार,
फिर से शर्मसार,
नहीं आया कोई मुरली,
बचाने ददर्नाक चीत्कार ...
काट ही डालो औरत नस्ल,
नष्ट कर डालों यह फसल,
न, एक भी न बच पाये कहीं!
वर्ना यह कल देंगी तुम्हें मसल...
धूर्तता की मिसाल हम,
लाश को ढो रहे है हम,
बस कर रहे है ढोंग,
जीने का सबब हम ...
बस कर रहे है महा ढोंग,
जीने का अजीब सा सबब हम ...
- निवेदिता दिनकर
01/09/2015
तस्वीर साभार गूगल : गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर की एक बेमिसाल पेंटिंग
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