सुनहरा एहसास .....पल पल की ....धडकनों से गुजरती हुई स्याही तक का सफ़र ....
हम बात करते करते
कई बार
सार्थक क्षणिका।
जी, डॉ साहब ... अशेष शुक्रिया
सार्थक क्षणिका।
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