सुनहरा एहसास .....पल पल की ....धडकनों से गुजरती हुई स्याही तक का सफ़र ....
oh ! -------------- यूँ हर रिश्ता ही अतुल्य स्नेह से भरा होता है किंतु पंच इन्द्रीयों से बना अत्यंत मधुर होता है वो आपकी अंतरमन की व्यथा को समझता है छठी इन्द्री विवेकी उतना निर्मल प्रेम नही करता है ------------------------एहसास आपकी इस अभिव्यक्ती के लिये मेरे पास सिर्फ़ ये टिप्पडी हैं ...** सादर , वन्दन ! **
जिंदगी में कुछ एक वाकया दिल के इतने करीब हो जाते है कि शब्द पूरे नहीं पड़ते .........बस दर्द सम्हाले हुए है !
oh !
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यूँ हर रिश्ता ही अतुल्य स्नेह से भरा होता है
किंतु पंच इन्द्रीयों से बना अत्यंत मधुर होता है
वो आपकी अंतरमन की व्यथा को समझता है
छठी इन्द्री विवेकी उतना निर्मल प्रेम नही करता है
------------------------एहसास
आपकी इस अभिव्यक्ती के लिये मेरे पास सिर्फ़ ये टिप्पडी हैं
...** सादर , वन्दन ! **
जिंदगी में कुछ एक वाकया दिल के इतने करीब हो जाते है कि शब्द पूरे नहीं पड़ते .........बस दर्द सम्हाले हुए है !
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