धुंध से फैलती नारंगी रौशनी
सचमुच
कितनी तिलस्मी,
कितनी अपरूप,
कितनी कातिलाना,
मानों
तेरे प्यार की सुलगती खुशबू
मेरे साँसों में आ जा रही है …
उफ्फ,
आज की रात !
आज की ठंडी रात !!
- निवेदिता दिनकर
२४/१२/२०१४
तस्वीर उर्वशी दिनकर के सौजन्य से 'धुंध भरी रात' लोकेशन आगरा
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