शनिवार, 28 जून 2014
रविवार, 22 जून 2014
शनिवार, 21 जून 2014
मंगलवार, 17 जून 2014
चुप्पी
मेरी तसल्ली के लिए ही सही
मगर
तुम चुप्पी तोड़ डालो।
कितनी कही अनकही बातें
और
कितने छूते अछूते पल।
मालूम ही नहीं चला,
जब तुम पास थे…
और
और
यह जानते हुए
भी
कि
जोड़ना, घटाना, गुणा, भाग
केवल अंकगणित के अन्तर्गत ही नहीं
बल्कि
रहस्यमयी प्रक्रियाएँ है।
फिर भी,
यूँ ही गंवाते चले गए …
- निवेदिता
दिनकर
नोट : उपरोक्त पेंटिंग रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा बनाई गई है |
सोमवार, 16 जून 2014
शनिवार, 14 जून 2014
शुक्रवार, 13 जून 2014
शुक्रवार, 6 जून 2014
गुरुवार, 5 जून 2014
मंगलवार, 3 जून 2014
देख माँ
मन द्रवित हो रहा है, जबसे बच्चियों के बारे में पढ़ा है ...
देख माँ,
नहीं जाना चाहती मै …
तुझे छोड़ कर,
बहुत रोयेगी तु
यह जानकर,
बिन मेरी गलती पर,
मुझे यह सज़ा दिये जाने पर …
बहुत रोयेगी तु
यह जानकर,
देख माँ,
बहुत दर्द हो रहा है न,
तुझे छोड़ कर,
मैं भी बहुत रोयी हूँ
यह जानकर,
मगर माँ,
तु अब एक काम कर,
मेरा जाना न ज़ाया कर,
एक एक को पकड़,
उनके किये की सज़ा देकर,
ही बैठना तु …
यह जानकर …
उनके किये की सज़ा देकर,
ही बैठना तु …
यह जानकर …
- निवेदिता दिनकर
देख माँ,
नहीं जाना चाहती मै …
तुझे छोड़ कर,
बहुत रोयेगी तु
यह जानकर,
बिन मेरी गलती पर,
मुझे यह सज़ा दिये जाने पर …
बहुत रोयेगी तु
यह जानकर,
देख माँ,
बहुत दर्द हो रहा है न,
तुझे छोड़ कर,
मैं भी बहुत रोयी हूँ
यह जानकर,
मगर माँ,
तु अब एक काम कर,
मेरा जाना न ज़ाया कर,
एक एक को पकड़,
उनके किये की सज़ा देकर,
ही बैठना तु …
यह जानकर …
उनके किये की सज़ा देकर,
ही बैठना तु …
यह जानकर …
- निवेदिता दिनकर